“हमारे साथ श्री रघुनाथ” एक श्रद्धालु भजन है जो भगवान राम की महिमा को स्तुति करता है। इस गाने के शब्द भगवान राम के गुणों और महत्व को व्यक्त करते हैं और उनके भक्तों को उनकी भक्ति में निष्ठा बढ़ाने का प्रेरणा देते हैं। इस लेख में, हम “हमारे साथ श्री रघुनाथ” के गीत की महत्वपूर्णता को समझेंगे और इसके शब्दों की महिमा को अन्वेषण करेंगे।
हमारे साथ श्री रघुनाथ लिरिक्स
हमारे साथ श्री रघुनाथ तो,
किस बात की चिंता,
शरण में रख दिया जब माथ तो,
किस बात की चिंता ||
किया करते हो तुम दिन रात क्यों,
बिन बात की चिंता..(x2)
तेरे स्वामी को रहती है,
तेरी हर बात की चिंता..(x2)
हमारें साथ श्री रघुनाथ तो,
किस बात की चिंता ||
ना खाने की ना पीने की,
ना मरने की ना जीने की..(x2)
रहे हर स्वास पर भगवान के,
प्रिय नाम की चिंता..(x2)
हमारें साथ श्री रघुनाथ तो,
किस बात की चिंता ||
विभिषण को अभय वर दे किया,
लंकेश पल भर में..(x2)
उन्ही का कर रहे गुणगान तो,
किस बात की चिंता..(x2)
हमारें साथ श्री रघुनाथ तो,
किस बात की चिंता ||
हुई ब्रजेश पर किरपा,
बनाया दास प्रभु अपना..(x2)
उन्ही के हाथ में अब हाथ तो,
किस बात की चिंता..(x2)
हमारें साथ श्री रघुनाथ तो,
किस बात की चिंता ||
हमारे साथ श्री रघुनाथ तो,
किस बात की चिंता,
शरण में रख दिया जब माथ तो,
किस बात की चिंता ||
समापन
इस प्रकार, “हमारे साथ श्री रघुनाथ” का गीत भगवान राम की भक्ति में निष्ठा को संजोने का अद्वितीय माध्यम है। इस गीत के शब्दों में छुपी गहराई और महत्व को समझकर भक्तों को अपने ध्यान और ध्यान की अद्भुतता में वृद्धि करने का प्रेरणा मिलता है।