“अनुराधा पौडवाल अम्बे तू है जगदम्बे काली लिरिक्स” एक गीत है जो मां दुर्गा की प्रशंसा करता है और उनकी महाशक्ति को स्तुति के रूप में गाता है। यह गीत अनुराधा पौडवाल द्वारा गाया गया है और इसमें देवी काली की प्रतिमा की महानता और उसकी अद्भुत शक्ति का उल्लेख किया गया है। इस लेख में, हम इस लिरिक्स के विवरण, अर्थ और इसके महत्व को समझेंगे।
गाने का परिचय
“अम्बे तू है जगदम्बे काली” गाना एक प्रसिद्ध भक्ति गीत है जो मां दुर्गा को समर्पित है। इस गाने में भगवान देवी की महिमा और उनकी अद्भुत शक्ति का गुणगान किया गया है।
लिरिक्स का विश्लेषण
“अम्बे तू है जगदम्बे काली” गाने के शब्द उत्कृष्ट गीतकारी का परिणाम हैं। इसमें मां दुर्गा की प्रतिमा की महानता, उनकी अद्भुत शक्ति, और उनके प्रेम की भावना को व्यक्त किया गया है।
अनुराधा पुडवाल अम्बे टू है जगदबे काली लिरिक्स
अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गावें भारती,
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।
अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गावें भारती,
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।
तेरे भक्त जनो पर माता भीड़ पड़ी है भारी।
दानव दल पर टूट पडो माँ करके सिंह सवारी॥
तेरे भक्त जनो पर माता भीड़ पड़ी है भारी।
दानव दल पर टूट पडो माँ करके सिंह सवारी॥
सौ-सौ सिहों से बलशाली, है अष्ट भुजाओं वाली,
दुष्टों को तू ही ललकारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥
अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गावें भारती,
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।
माँ-बेटे का है इस जग मे बडा ही निर्मल नाता।
पूत-कपूत सुने है पर ना माता सुनी कुमाता॥
माँ-बेटे का है इस जग मे बडा ही निर्मल नाता।
पूत-कपूत सुने है पर ना माता सुनी कुमाता॥
सब पे करूणा दर्शाने वाली, अमृत बरसाने वाली,
दुखियों के दुखडे निवारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥
अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गावें भारती,
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।
नहीं मांगते धन और दौलत, न चांदी न सोना।
हम तो मांगें तेरे मन में छोटा सा कोना॥
नहीं मांगते धन और दौलत, न चांदी न सोना।
हम तो मांगें तेरे मन में छोटा सा कोना॥
सबकी बिगड़ी बनाने वाली, लाज बचाने वाली,
सतियों के सत को सवांरती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥
अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गावें भारती,
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।
चरण शरण में खड़े तुम्हारी, ले पूजा की थाली।
वरद हस्त सर पर रख दो माँ संकट हरने वाली॥
चरण शरण में खड़े तुम्हारी, ले पूजा की थाली।
वरद हस्त सर पर रख दो माँ संकट हरने वाली॥
माँ भर दो भक्ति रस प्याली, अष्ट भुजाओं वाली,
भक्तों के कारज तू ही सारती।। ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गावें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।
भविष्य की उम्मीद
“अम्बे तू है जगदम्बे काली” गाने के प्रभाव और महत्व का आगे भविष्य में भी रहने की उम्मीद है। इसके गाने के शब्द और संदेश ने लोगों को आकर्षित किया है और उन्हें ध्यान में रखा है।
संगीत
“अम्बे तू है जगदम्बे काली” गाने की संगीत भी उत्कृष्ट है और यह गीत सुनने वालों को ध्यान में ले जाता है। संगीत की माधुर्यता और रूचि उसका शानदार महसूस कराती है।
समापन
इस लेख में, हमने “अनुराधा पौडवाल अम्बे तू है जगदम्बे काली लिरिक्स” के महत्व, अर्थ, और समर्थन को विस्तार से विश्लेषण किया है। यह गाना भक्ति और समर्पण की भावना को उत्कृष्ट ढंग से व्यक्त करता है और मां दुर्गा की महानता का स्तुति करता है।