भारतीय साहित्य में एक अद्वितीय गायक और कवि के रूप में दिनानाथ नाटकी नाम का जिक्र है। उनके गीत और कविताओं में उम्मीद का संदेश बहुत ही मजबूती से प्रकट होता है। दिनानाथ मेरी बात गीत का उल्लेख ऐसे ही एक प्रसिद्ध गीत में है, जिसमें उन्होंने उम्मीद और विश्वास की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस लेख में, हम दिनानाथ मेरी बात गीत के शब्दों की गहराई से जानकारी प्रदान करेंगे।
दीनानाथ मेरी बात छानी कोणी तेरे से लिरिक्स
दीनानाथ मेरी बात,
छानी कोणी तेरे से,
आँखड़ली चुराकर बाबा,
जासी कठे मेरे से…
खाटू वाले श्याम तेरी, शरण में आ गयो,
श्याम प्रभु रूप तेरो, नैना में समा गयो,
बिसरावे मत बाबा, हार मानी तेरे से,
आँखड़ली चुराकर…
बालक हु में तेरो श्याम, मुझको निभायले,
दुखड़े को मारयो, मने कालजे लगायले,
पथ दिखलादे बाबा, काड दे अँधेरे से,
आँखड़ली चुराकर…
मुरली अधर पे, कदम तले झूमे हे,
भक्त खड़ा तेरे, चरणा ने चूमे हे,
खाली हाथ बोल कइया, जाऊ तेरे डेरे से,
आँखड़ली चुराकर …
खावो होते खीर चूरमो, लीले ऊपर घूमो हो,
सेवका॑ न दाता मेरो, कदे नहीं भूलो हो,
टाबरिया की झोली, भर जावे थारे डेरे पे
आँखड़ली…
तू ही मेरा हमदम बाबा, तू ही मेरा यार है,
खाटूवाले श्याम बाबा, तू ही मेरा प्यार है,
इतनो तो बत्लादे, दूर जाऊ क्यों मै तेरे से,
आँखड़ली…
परिचय: दिनानाथ नाटकी कौन हैं?
दिनानाथ नाटकी भारतीय संगीत और कविता के प्रसिद्ध संरचनाकार और कवि हैं। उनका योगदान भारतीय साहित्य और संगीत के विकास में महत्वपूर्ण रहा है।
दिनानाथ मेरी बात गीत का अर्थ
यह गीत उम्मीद और आत्म-विश्वास को उत्तेजित करने का संदेश देता है।
समापन
इस प्रकार, दिनानाथ मेरी बात गीत एक ऐसा संदेश लेकर आता है जो हर व्यक्ति को जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। उम्मीद और आत्म-विश्वास के महत्व को समझने के लिए यह गाना एक महत्वपूर्ण संदेश है। इसके शब्द और संगीत की गहराई से समझने से हर कोई इसके संदेश को अपने जीवन में उतार सकता है। इस गाने के माध्यम से हम सभी को आगे बढ़ने के लिए उत्साहित किया जाता है।