Lata Mangeshkar Ae Mere Wattan Ke Logo Lyrics | लता मंगेशकर ऐ मेरे वतन के लोगो लिरिक्स

Lata Mangeshkar Ae Mere Wattan Ke Logo Lyrics

लता मंगेशकर का “ऐ मेरे वतन के लोगो” एक ऐसा देशभक्ति गीत है जिसने भारतीय संगीत के इतिहास में अमिट छाप छोड़ी है। यह गीत भारतीय सैनिकों की वीरता और बलिदान को सलाम करता है और हर भारतीय के दिल में देशप्रेम की भावना को जागृत करता है। इस लेख में, हम इस गीत के बोल, इसकी उत्पत्ति, इसके संगीतकार और गीतकार के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। साथ ही, हम इसके ऐतिहासिक महत्व और लोकप्रियता पर भी प्रकाश डालेंगे।

गीत की उत्पत्ति

“ऐ मेरे वतन के लोगो” की उत्पत्ति 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद हुई थी। इस युद्ध में भारतीय सैनिकों के वीरता और बलिदान ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। इस गीत को प्रसिद्ध कवि प्रदीप ने लिखा और सी. रामचंद्र ने इसका संगीत तैयार किया। इस गीत को पहली बार 27 जनवरी 1963 को दिल्ली के रामलीला मैदान में गाया गया था।

लता मंगेशकर का योगदान

लता मंगेशकर ने अपनी मधुर और भावपूर्ण आवाज़ से इस गीत को जीवंत कर दिया। उनके गायन ने इस गीत को अमर बना दिया और इसे सुनते ही हर भारतीय की आंखों में आंसू आ जाते हैं। लता जी की आवाज़ की मिठास और उनकी अद्भुत गायकी इस गीत को और भी विशेष बनाती है

लता मंगेशकर ऐ मेरे वतन के लोगो लिरिक्स

आ आ आ आ आ

ऐ मेरे वतन के लोगों

तुम खूब लगा लो नारा

ये शुभ दिन है हम सब का

लहरा लो तिरंगा प्यारा

पर मत भूलो सीमा पर

वीरों ने है प्राण गँवाए

कुछ याद उन्हें भी कर लो

कुछ याद उन्हें भी कर लो

जो लौट के घर ना आये

जो लौट के घर ना आये

ऐ मेरे वतन के लोगों

ज़रा आँख में भर लो पानी

जो शहीद हुए हैं उनकी

ज़रा याद करो क़ुरबानी

ऐ मेरे वतन के लोगों

ज़रा आँख में भर लो पानी

जो शहीद हुए हैं उनकी

ज़रा याद करो क़ुरबानी

जब घायल हुआ हिमालय

खतरे में पड़ी आज़ादी

जब तक थी साँस लड़े वो

जब तक थी साँस लड़े वो

फिर अपनी लाश बिछा दी

संगीन पे धर कर माथा

सो गये अमर बलिदानी

जो शहीद हुए हैं उनकी

ज़रा याद करो क़ुरबानी

जब देश में थी दीवाली

वो खेल रहे थे होली

जब हम बैठे थे घरों में

जब हम बैठे थे घरों में

वो झेल रहे थे गोली

थे धन्य जवान वो अपने

थी धन्य वो उनकी जवानी

जो शहीद हुए हैं उनकी

ज़रा याद करो क़ुरबानी

कोई सिख कोई जाट मराठा

कोई सिख कोई जाट मराठा

कोई गुरखा कोई मदरासी

कोई गुरखा कोई मदरासी

सरहद पर मरनेवाला

सरहद पर मरनेवाला

हर वीर था भारतवासी

जो खून गिरा पर्वत पर

वो खून था हिंदुस्तानी

जो शहीद हुए हैं उनकी

ज़रा याद करो क़ुरबानी

थी खून से लथ पथ काया

फिर भी बन्दूक उठाके

दस दस को एक ने मारा

फिर गिर गये होश गँवा के

जब अन्त समय आया तो

जब अन्त समय आया तो

कह गए के अब मरते हैं

जब अन्त समय आया तो

कह गए के अब मरते हैं

खुश रहना देश के प्यारों

खुश रहना देश के प्यारों

अब हम तो सफ़र करते हैं

अब हम तो सफ़र करते हैं

क्या लोग थे वो दीवाने

क्या लोग थे वो अभिमानी

जो शहीद हुए हैं उनकी

ज़रा याद करो क़ुरबानी

तुम भूल न जाओ उनको (आ आ आ आ)

इस लिये कही ये कहानी (आ आ आ आ)

जो शहीद हुए हैं उनकी (आ आ आ आ)

ज़रा याद करो क़ुरबानी (आ आ आ आ)

जय हिन्द

जय हिन्द की सेना

जय हिन्द

जय हिन्द की सेना

जय हिन्द जय हिन्द जय हिन्द

गीत के प्रभाव और प्रेरणा

इस गीत ने न केवल भारतीय सैनिकों के बलिदान को सम्मानित किया बल्कि देशभक्ति की भावना को भी प्रबल किया। इस गीत ने लोगों को अपने देश के प्रति समर्पण और कर्तव्य की भावना को समझने और उसे निभाने के लिए प्रेरित किया। यह गीत सुनकर हर भारतीय अपने देश के लिए कुछ करने की प्रेरणा पाता है।

गीत का सांस्कृतिक महत्व

“ऐ मेरे वतन के लोगो” का सांस्कृतिक महत्व बहुत बड़ा है। यह गीत हमारी सांस्कृतिक धरोहर का एक अभिन्न हिस्सा है और यह हमारे देश की वीरता और बलिदान की कहानी को संजो कर रखता है। यह गीत हमें हमारे इतिहास और हमारे वीर सैनिकों के बलिदान की याद दिलाता है।

गीत के बोल का साहित्यिक विश्लेषण

प्रदीप द्वारा लिखे गए इस गीत के बोल साहित्यिक दृष्टि से बेहद समृद्ध हैं। हर शब्द और पंक्ति में गहरी भावनाएं और अर्थ छिपे हैं। प्रदीप की लेखनी की गहराई और उनकी भावनात्मक अभिव्यक्ति इस गीत को एक साहित्यिक कृति बनाती है

गीत की दीर्घकालिक लोकप्रियता

इस गीत की दीर्घकालिक लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आज भी यह गीत हर भारतीय के दिल के करीब है। इसे सुनते ही हर भारतीय के मन में देशप्रेम की भावना जाग उठती है। यह गीत समय के साथ और भी प्रासंगिक होता जा रहा है और इसकी लोकप्रियता दिनोंदिन बढ़ती जा रही है।

गीत का आधुनिक संदर्भ

आज के समय में भी “ऐ मेरे वतन के लोगो” की प्रासंगिकता बनी हुई है। यह गीत आज भी लोगों को प्रेरित करता है और देशप्रेम की भावना को जागृत करता है। नई पीढ़ी भी इस गीत को सुनकर गर्व महसूस करती है और इसे अपने देश के प्रति समर्पण का प्रतीक मानती है।

निष्कर्ष

लता मंगेशकर का “ऐ मेरे वतन के लोगो” एक ऐसा अमर गीत है जिसने भारतीय संगीत और देशभक्ति के क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम की है। इस गीत के बोल, धुन और गायकी की मधुरता ने इसे सदाबहार बना दिया है। यह गीत न केवल हमारे सैनिकों के बलिदान को सम्मानित करता है बल्कि हर भारतीय के दिल में देशप्रेम की भावना को और प्रबल करता है। हमें गर्व है कि हमारे पास ऐसा गीत है जो हमें हमारे देश के प्रति अपने कर्तव्यों की याद दिलाता है और हमें प्रेरित करता है।

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