Door Tujhse Mai Reh Ke Bata Kya Karu Lyrics | दूर तुझसे मैं रेह के बता क्या करूँ लिरिक्स

door tujhse mai reh ke bata kya karu lyrics

“दर तुझसे मैं रह के बता क्या करूँ” एक गीत है जो प्यार और इश्क़ की अद्वितीय भावनाओं को व्यक्त करता है। यह गीत एक अद्वितीय तरीके से मिशन के माध्यम से अपने प्रेम को व्यक्त करता है। इसके लिरिक्स में व्यक्त की गई भावनाओं और अद्वितीय धुन के साथ, यह एक दिल को छू लेने वाला अनुभव प्रदान करता है। इस लेख में, हम “दर तुझसे मैं रह के बता क्या करूँ” के गाने की लिरिक्स को गहराई से समझेंगे और इसकी महत्ता को अन्य मानवीय भावनाओं के साथ जोड़ेंगे।

मेरा दिल ये पुकारे आ जा मेरे ग़म के सहारे आ जा भीगा भीगा है समा ऐसे में है तू कहाँ मेरा दिल ये पुकारे आजा मेरे ग़म के सहारे आ जा भीगा भीगा है समा ऐसे में है तू कहाँ मेरा दिल ये पुकारे आजा तू नहीं तो ये रुत ये हवा क्या करूँ क्या करूँ तू नहीं तो ये रुत ये हवा क्या करूँ दूर तुझ से मैं रह के बता क्या करूँ क्या करूँ सूना सूना है जहाँ अब जाऊँ मैं कहाँ बस इतना मुझे समझा जा भीगा भीगा है समा ऐसे में है तू कहाँ मेरा दिल ये पुकारे आजा आँधियाँ वो चलीं आशियां लुट गया लुट गया आँधियाँ वो चलीं आशियां लुट गया प्यार का मुस्कुराता जहाँ लुट गया लुट गया एक छोटी सी झलक मेरे मिटने तलक ओ चाँद ओ चाँद मेरे दिखला जा भीगा भीगा है समा ऐसे में है तू कहाँ मेरा दिल ये पुकारे आजा मुंह छुपा के मेरी जिंदगी रो राही रो राही मुंह छुपा के मेरी जिंदगी रो राही दिन ढला भी नहीं शाम क्यों हो रही हो रही तेरी दुनिया से हम लेके चले तेरा गम दम भर के लिए तो आजा भीगा भीगा है समा ऐसे में है तू कहां मेरा दिल ये पुकारे आजा मेरे गम के सहारा आजा भीगा भीगा है समा ऐसे में है तू कहां मेरा दिल ये पुकारे आजा

“दर तुझसे मैं रह के बता क्या करूँ” के गीत

“दर तुझसे मैं रह के बता क्या करूँ” एक हिंदी फ़िल्म गीत है जो फ़िल्म “ऐ बी वी सी” (ABCD) में शामिल है। इस गाने का संगीत और गीतकारी संजय लीला भंसाली द्वारा की गई है, जबकि गायक किशोरी अमोनकर और जावेद अली ने गाना है। इस गाने का उद्घाटन अद्भुत संगीत और मनमोहक बोलों से होता है, जो श्रोताओं को अपनी अद्वितीय कहानी में खींच लेता है।

“दर तुझसे मैं रह के बता क्या करूँ” के गीत में मुख्य पात्र अपने प्रेम की पीड़ा और उसके अभाव को व्यक्त करता है। गीत में उनकी अद्वितीय भावनाओं को समझाने के लिए शब्दों का अद्वितीय उपयोग किया गया है।

“दर तुझसे मैं रह के बता क्या करूँ” के गीत की लिरिक्स

“दर तुझसे मैं रह के बता क्या करूँ” के गीत की लिरिक्स में प्रेम की असलीता और उसकी विविधता को दर्शाया गया है। गीत में अपने प्रेम के अभाव से पीड़ित पात्र अपनी भावनाओं को साझा करता है। यहां इस गाने के कुछ प्रमुख पंक्तियाँ हैं:

“दर तुझसे मैं रह के बता क्या करूँ,

तेरे कारवां में खो गया।”

यह पंक्तियाँ प्रेमी की अपनी भावनाओं को व्यक्त करती हैं, जो अपने प्रेमी के अभाव में खो गया है। यह गाने की लिरिक्स में अत्यंत भावनात्मकता और अद्वितीयता है, जो श्रोताओं को गहरे सोचने पर मजबूर करती है।

गीत में अन्य कई पंक्तियाँ हैं जो प्रेम की विभिन्न रूपों को दर्शाती हैं। इन पंक्तियों के माध्यम से, गीतकार अपनी भावनाओं को साझा करते हैं और श्रोताओं को उनके प्रेम के संबंध में गहराई से सोचने पर मजबूर करते हैं।

गाने की महत्वता

“दर तुझसे मैं रह के बता क्या करूँ” एक गाना है जो प्रेम और असमंजस को व्यक्त करता है। इसके लिरिक्स में व्यक्त किए गए भाव और अद्वितीय धुन के साथ, यह एक दिल को छू लेने वाला अनुभव प्रदान करता है। इस गाने का संदेश है कि प्रेम हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है और हमें इसे समझने और महसूस करने की आवश्यकता है। यह गीत श्रोताओं को प्रेम के विभिन्न पहलुओं को समझने के लिए प्रेरित करता है और उन्हें अपने जीवन में प्रेम की महत्ता को महसूस करने के लिए प्रेरित करता है।

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