Namami Shamishan Nirvan Roopam Lyrics

“नमामि शमीशान निर्वाण रूपम” भगवान शिव को समर्पित एक अद्वितीय भजन है जो उनकी महिमा और दिव्य स्वरूप की स्तुति करता है। इस लेख में हम इस भजन के लिरिक्स, उनका अर्थ, और इसके सांगीतिक पहलुओं की चर्चा करेंगे, जो इसे एक आध्यात्मिक और संगीतिक कला के रूप में श्रेष्ठ बनाते हैं।

नमामि शमीशान निर्वाण रूपम भजन का परिचय

“नमामि शमीशान निर्वाण रूपम” भगवान शिव के विशेष रूप को स्तुति देने वाला एक प्रसिद्ध भजन है। इसमें भगवान की अनंत शक्ति, कृपा, और उनके निर्वाण रूप की महिमा का अद्वितीय वर्णन है।

लिरिक्स

नामामी शमिशन निरवन रूओपम

Vibhum vyapakam brahma veda swaroopam |

निजम निर्गुनम निरविकलपम निरेहम

चिदाकाश मआक वासम भजहम || 1 ||

नीरकार ओमकार मुलम तुरियाम

गिरागण गोटीट मेशम गिरेशम |

करालम महाखाल कालम कृति

गुनगर संस्कार पारम नाटोहम || 2 ||

तुशाराडरी संकाश गौरम गबीरम

मनोभूत कोटी प्रभा शि शेयरराम |

Sfooranmauli kallolini charu गंगा

LASADBHAAL BAALENDU CANTHE BHUJANGA || 3 ||

चालतकुंदलम भ्रू सुनथ्रम विश्वाम

प्रसन्ननम नीलकंतम दयालम |

मृगादेश चार्मम्बराम मुंडमाम

प्रियाम शंकराम सर्वनाथम भजामी || 4 ||

प्रचंदम प्रखृष्तम प्रागलभम परेशम

अखंडम अजंभानुकोटी प्रकाशम |

त्रेहशूल मिर्मोलनम शूलपैनीम

भजहम भवानी पटिम भव गम्याम || 5 ||

कलातत कल्याण कलपंतकारी

सदा सज्जानानंद दाता पुररी |

चिदानंद सैंडोह मोहपहरि

Praseed praseed prabho manmathari || 6 ||

नयावद उमाथ पडारविंदम

भजांतीह लोके परवा नारनम |

ना तवात्सुखम शंटिसंतप्नाशम

PRASEED PRABHO SARVABHOTADHIVAASAM || 7 ||

ना जानमी योगम जपम नाइवा पूजाम

ना टाम सदा सर्वददा शम्बु तुभ्याम |

जराजनम दुखहौद्या तपत्यमानाम

प्रभो पाही आपन नमामि श्री शम्बो || 8 ||

रुद्रशकमिदम प्रोक्तम विप्रेन हर्टोशाय |

ये पाथांती नारा भक्ताया तयशाम शम्हू प्रसीदती ||

इति श्री गोस्वामी तुलसीदासा क्रुटम श्री रुद्रश्तकम संप्रतिनम ||

नमामि शमीशान निर्वाण रूपम लिरिक्स का अर्थ

इस भजन में “नमामि शमीशान निर्वाण रूपम” के शब्दों का विवेचन करते हुए भगवान शिव की अनंत शक्ति, अनुग्रह, और निर्वाण स्वरूप की भक्ति की जाती है।

नमामि शमीशान निर्वाण रूपम भजन के सांगीतिक आयाम

इस भजन के सांगीतिक आयामों में सुर, ताल, और धुन का सही संगम है, जो इसे आध्यात्मिक संगीत की श्रेष्ठता में स्थान देता है। भक्तों को आत्मा के संग गूंथा हुआ संगीत इस भजन को आराधना के लिए अद्वितीय बनाता है।

नमामि शमीशान निर्वाण रूपम भजन के माध्यम से आत्मा का संबंध

इस भजन के माध्यम से, भक्तों को अपनी आत्मा का संबंध और भगवान के साथ एकता का अहसास होता है। भक्ति भावना से भरा हुआ यह गाना आत्मा को दिव्य अनुभव में ले जाता है।

नमामि शमीशान निर्वाण रूपम भजन का धार्मिक महत्व

धार्मिक दृष्टिकोण से, यह भजन भक्तों को भगवान की प्रेम भावना और समर्पण के साथ आत्मनिर्भरता का सन्देश देता है। इसके साहित्य में छिपे धार्मिक सन्देश भक्तों को आध्यात्मिक सफलता की दिशा में मार्गदर्शन करते हैं।

नमामि शमीशान निर्वाण रूपम भजन का साहित्यिक महत्व

इस भजन के साहित्य में भक्तों को भगवान की लीलाओं, उनके गुण, और उनके साथ विशेष भक्ति योग्यता की महिमा है। यह भजन भक्तों को भगवान के साथ एक प्रेमपूर्ण और संबंधित जीवन की प्रेरणा प्रदान करता है।

नमामि शमीशान निर्वाण रूपम भजन का सामाजिक परिणाम

यह भजन सामाजिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके माध्यम से लोग एक-दूसरे के साथ मिलकर भगवान के प्रति समर्पण और प्रेम का साझा भावना करते हैं।

नमामि शमीशान निर्वाण रूपम भजन का प्रभाव

इस भजन का सुनना भक्तों को आत्मा के साथ एक दिव्य और संबंधित अनुभव में ले जाता है, जिससे उन्हें भगवान के प्रति प्रेम में वृद्धि होती है और वे उसके साथ एक दृढ़ संबंध की ओर बढ़ते हैं।

नमामि शमीशान निर्वाण रूपम भजन का समापन

“नमामि शमीशान निर्वाण रूपम” भजन एक आध्यात्मिक और संगीतिक कला का एक सुंदर उदाहरण है जो भक्तों को भगवान शिव के दिव्य रूप की स्तुति और समर्पण में लुब्ध करता है। इसके साहित्य में छिपी भक्ति भावना और संगीत में उत्कृष्टता के साथ, यह भजन भक्तों को भगवान के प्रति समर्पण और प्रेम की अद्वितीयता को महसूस कराता है। इससे भक्तों को आत्मनिर्भरता और सत्य के प्रति समर्पण की भावना होती है, जिससे वे अपने जीवन को धार्मिक और सात्विक दृष्टिकोण से देख सकते हैं।

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